नमस्कार दोस्तों ,
एक बार फिर से आप सभी का स्वागत करता हूं आपने इस ब्लॉग चैनल पर दोस्तों आज के इस ब्लॉग में में आप सभी को शेयर मार्केट में लोगो के द्वारा जो जो प्रश्न पूछे जाते है उसके बारे में जानकारी दूंगा | जैसा की शेयर मार्केट क्या होता हैं मैंने पिछले ब्लॉग में बताया है अगर आप अभी शेयर मार्केट के बारे में नही जानते है तो आप मेरे इस चैनल पर विजिट कर के जानकारी ले सकते हैं जिस से आप सभी को शेयर मार्केट में पैसे लगाने पर बहुत ज्यादा ही मदद मिलेगी |
दोस्तों लोगो के द्वारा बहुत से सारे प्रश्न पूछे जाते है जिस में से में आप सभी को कुछ इंपोटेंट प्रश्न और उसके जवाब को देने की पूरी कोशिश करूंगा जिस से आप सभी को कम समय में उत्तर मिल सके | अगर ब्लॉग पसंद आए तो प्लीज लाइक और शेयर करें जिस से आप सभी दोस्तों को जो भी शेयर मार्केट में इंट्रेस्ट रखते है उनको ये सभी जानकारी मिल सके | तो दोस्तों हम अब शुरू करते है |
हम शेयर बाजार में पैसा कैसे निवेश कर सकते है ?
* दोस्तों शेयर बाजार में निवेश करने के लिए हम सब से पहले अपने ब्रोकर को अच्छी तरह से चयन करते है हम देखते है कि उस ब्रोकर का सेबी में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होना चाहिए |
* साथ ही में ब्रोकर और क्लाइंट एग्रीमेंट पर हस्ताझर कर के जरूरी कार्यवाही पूरी होनी चाहिए साधार रूप से तीन या चार दिनों में आपको क्लाइंट कोड मिलता है जो आने वाले समय मे होने वाले मैसेज और आपको मिलने वाले कांट्रेक्ट नोट में दर्शाया जाता है |
* आपको डीमेंट अकाउंट भी खोलना पड़ता है जो आपके ब्रोकर के पास या मान्यता वाले बैंक में खोला जा सकता है |
* एक बार यह सम्पूर्ण कार्यवाही पूर्ण होने के बाद शेयर्स की लेन देन के लिए आपको आपने ब्रोकर को फोन करना पड़ता है | अब सब कुछ डिजिटल हो गया है तो आप ऑनलाइन शेयर को प्लेस कर सकते है |
ब्रोकर की जरूरत किसलिए होते है ?
* सेबी के रेगुलेशन के अनुसार रजिस्टर्ड लोग ही काम कर सकते है | इसलिए रजिस्ट्रेशन किए गए ब्रोकर के मदद से ही ट्रेडिंग करना संभव होता है |
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेंडिंग क्या होता है ?
* इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुआत के बाद अब ब्रोकर को ट्रेडिंग फ्लोर पर जाकर ट्रेडिंग नहीं करना पड़ता अब कंप्यूटर पर ट्रेडिंग किया जाता है जो एक्सचेंज के साथ सेट द्वारा जुड़ा होता है |
* अब इंटरनेट के माध्यम से भी ट्रेडिंग करने की सुविधा उपलब्ध है इसलिए हम घर बैठे बैठे या स्वयं के ऑफिस से या खुद कंप्यूटर की मदद से ट्रेडिंग कर सकते हैं इसका मुख्य नियम या है कि जब आपको किसी निश्चित भाव से तुरंत ट्रेडिंग करना हो तो इसके लिए ब्रोकर को फोन नहीं करना पड़ता और इनमें होने वाले विलंब के कारण भाव बदलने की संभावना नहीं होती आप तुरंत चाहे उसे भाव पर ट्रेडिंग कर सकते हैं |
कांट्रेक्ट नोट क्या होता है ?
* अपने किए गए ट्रेडिंग का भाव समय संख्या और दलाली आदि को दर्शाने हो दर्शाने वाला नोट कांटेक्ट नोट सभी दलाल के पास मिलता है यह कांटेक्ट नॉट निश्चित किए गए फॉर्मेट में निवेशक को दिया जाता है जो निवेशक और ब्रोकर इनके बीच हुए ट्रेडिंग का कानून प्रमाण होता है कॉन्ट्रैक्ट नोट की प्रशन निकल जाती हैं जिसमें इससे एक ब्रोकर और दूसरी निवेशक के पास होते हैं या कांटेक्ट नॉट आपको 24 घंटे के अंदर मिल जाती है |
बोनस क्या होता है ?
* जब आप किसी कंपनी या ब्रोकर में निवेश करते हैं तभी आपकी पूंजी में वृद्धि होने की गिनती नहीं की जाती पर कंपनी के सभी उधारी का भुगतान करने के बाद जो सरप्लस बाकी होता है उसका हिस्सा मिलता है ऐसे भी हो सकता है पर सरप्लस का ठीक तरह से वितरण सौभाग्य से ही होता है ऐसा नजर आता है इसके बदले वह रिजर्व या सरप्लस खाते में जमा किया जाता है जब यह रकम बहुत ही बड़ी हो जाती है तब कंपनी ऐसे रकम को रिजर्व खाते में से एक एंट्री द्वारा शेयर कैपिटल खाते में जमा कर दिए कर सकती है इस तरह से बाजार में आउटस्टैंडिंग शेयर को बढ़ाया जा सकता है और हर एक निवेशक को बोनस शेयर दिए जा सकते हैं जो एक निश्चित बोनस सरसों के अनुसार दिए जाते हैं इसके इश्यू को बोनस इशू कहा जाता है अगर बोनस रेशों 1:2 तो होगा तो उसका अर्थ ऐसा होता है कि प्रत्येक दो शेयर के पीछे शेयर धारक को एक शेर मिलता है इसलिए से धारक के पास पहले के दो शहर हो तो अब उनके पास कुल मिलाकर तीन शेयर हो जाते है |
दोस्तों ये भाग 1 था | अगले आर्टिकल में हम इसके आगे जानेंगे |
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आप सभी लोगों का बहुत बहुत ध्यानवाद |
Thank you |
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